173+ Hindi Shayari | Shayari Status in Hindi | Hindi Status Collection

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Shayari Status in Hindi Collection

Shayari Status in Hindi Collection

कर दे नज़रे करम मुझ पर, मैं तुझपे ऐतबार कर दूँ, दीवाना हूँ तेरा ऐसा, कि दीवानगी की हद को पार कर दूँ।
 
वो पत्थर कहाँ मिलता है बताना जरा ए दोस्त, जिसे लोग दिल पर रखकर एक दूसरे को भूल जाते हैं।
 
बडी लम्बी खामोशी से गुजरा हूँ मै, किसी से कुछ कहने की कोशिश मे।
 
जो मुँह तक उड़ रही थी अब लिपटी है पाँव से, बारिश क्या हुई मिट्टी की फितरत बदल गई।
 
बंद मुट्ठी से जो उड़ जाती है क़िस्मत की परी, इस हथेली में कोई छेद पुराना होगा।
 
दुनिया खरीद लेगी हर मोड़ पर तुझे, तूने जमीर बेचकर अच्छा नहीं किया।
 
तूने देखी कहाँ मेरी चाहतों की दुनियां, समंदर इश्क़ का तेरे लिए अभी सूखा नहीं है।
 
असल मोहब्बत तो वो पहली ही मोहब्बत थी, इसके बाद तो हर शख्स में सिर्फ उसी को ढूँढ़ा है।
 
कौन याद रखता हैं गुजरे हुए वक़्त के साथी को, लोग तो दो दिन में नाम तक भुला देते हैं।
 
जब लगा सीने पे तीर तब हमे इतना दर्द नहीं हुआ ग़ालिब, ज़ख्म का एहसास तो तब हुआ जब कमान अपनों के हाथ में दिखी।
 
एहसास करा देती है रूह, जिनकी बातें नहीं होती इश्क वो भी करते है जिनकी, मुलाकाते नहीं होती।
 
ठण्ड में वादा नही करते कि दोस्ती निभायेंगे, जरूरत पड़ी तो सब कुछ ले लो, पर रजाई न दे पायेंगे।
 
वो भी एक वक्त था जब सबसे तेरी ही बातें होती थी, आज कोई तेरा नाम भी ले तो बात बदल देते है हम।
 
आज भी कितना नादान है दिल समझता ही नहीं, बाद बरसों के उन्हें देखा तो दुआएँ माँग बैठा।
 
भूलूँगा अगर तुझे, तो जी ना पाउँगा, याद भी रखा अगर, तो मर जाऊंगा।
 
बेगुनाह कोई नहीं, राज़ सबके होते हैं, किसी के छुप जाते हैं, किसी के छप जाते हैं।
 
ज़िन्दगी की हक़ीक़त बस इतनी सी हैं, की इंसान पल भर में याद बन जाता हैं।
 
पास वो मेरे इतने कि दूरियो का कोई एहसास नहीं, फिर भी जाने क्यों वो पास होकर भी मेरे पास नहीं।
 
हँसाया जिसने रुलाना तो था ही उसे मुझको, एक दिन इस इश्क में ये दिन दिखना तो था ही मुझको।
 
मोहब्बत मुझे छोड़ गयी, नफरत ने संभाल लिया, दोस्ती तेरी जरुरत नहीं मुझे दुश्मनों ने पाल लिया।
 
अब समझ लेते हैं मीठे लफ़्ज़ की कड़वाहटें, हो गया है ज़िंदगी का तजुर्बा थोड़ा बहुत।
 
पहली मोहब्बत के लिए दिल जिसे चुनता है, वो अपना हो न हो दिल पर राज हमेशा उसी का रहता है।
 
आदत उनकी कुछ इस तरह हो गई, उनकी बेरुखी से भी मोहब्बत हो गई।
 
किसी ने कहा आपकी आँखे बड़ी खूबसूरत है, मैने कह दिया कि, बारिश के बाद अक्सर मौसम सुहाना हो जाता है।
 
कभी ना कभी वो मेरे बारे में सोचेगी जरूर, कि हासिल होने की उम्मीद ना थी फिर भी ‪‎मोहब्बत‬ करता था‬।
 
रहता तो नशा तेरी यादों का ही है, कोई पूछे तो कह देता हुँ पी रखी है।
 
साथ देने की क्या बात करते हो साहब, हमने तो उनके साथ छोड़ने में भी उनका साथ दिया।
 
बातो ही बातो में वो मुझसे दूर चली जाती है, और में उसे लफ्जो ही लफ्जो में दिल में समां लेता हूँ।
 
आखिर वो कौन सी शानो शौकत थी, जिसके आगे तुम्हें इतनी मोहब्बत भी कम लगी।
 
दोनों ही बातों से तेरी एतराज है मुझको, क्यों तू जिंदगी में आई और क्यों चली गई।
 
कोई नही था और न होगा, तेरे जितना करीब मेरे दिल के।
 
नफरत का कहर देखा नहीं तुमने, हो सकता है दिलों की नजाकत है।
 
पागलों सा घूमता हूं तेरे खयालों में, हरदम दिल में बस तेरी ही आहट है।
 
क्यों तुम अपनी निगाहें मुझपे टिकाती हो, कुछ तो बात है जो तुम मुझसे छुपाती हो।
 
सुबह से शाम तक जुबां पे उनके ही चर्चे हैं, जेब मे कुछ है नहीं फिर भी बढ़ रहे खर्चे हैं।
 
ज़ुल्फों को उंगलियों से किनारे किया ना कर, दिल मेरा आवारा है इसे और बिगाड़ा ना कर।
 
दो शब्द तसल्ली के नहीं मिलते इस शहर में, लोग दिल में भी दिमाग लिए फिरते हैं।
 
पांवों के लड़खड़ाने पे तो सबकी है नज़र, सर पे कितना बोझ है कोई देखता नहीं।
 
जब तक था दम में दम न दबे आसमाँ से हम, जब दम निकल गया तो ज़मीं ने दबा लिया।
 
आईना फैला रहा है खुदफरेबी का ये मर्ज, हर किसी से कह रहा है आप सा कोई नहीं।
 
तलब करें तो मैं अपनी आँखें भी उन्हें दे दूँ, मगर ये लोग मेरी आँखों के ख्वाब माँगते हैं।
 
चेहरे पर सुकून तो बस दिखाने भर का है, वरना बेचैन तो हर शख्स ज़माने भर का है।
 
हाल जब भी पूछो खैरियत बताते हो, लगता है मोहब्बत छोड़ दी तुमने।
 
तेरी खामोशी, अगर तेरी मज़बूरी है, तो रहने दे इश्क़ कौन सा जरुरी है।
 
मौजों से खेलना तो सागर का शौक है, लगती है कितनी चोट किनारों से पूछिये।
 
ये कशमकश है कैसे बसर ज़िन्दगी करें, पैरों को काट फेंके या चादर बड़ी करें।
 
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे, तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे।
 
वो क़त्ल कर के भी मुंसिफों में शामिल है, हम जान देकर भी जमाने में खतावार हुए।
 
आसान नहीं है हमसे यूँ शायरी में जीत पाना, हम हर एक लफ्ज़ मोहब्बत में हार कर लिखते हैं।
 
तलब की राह में पाने से पहले खोना पड़ता है, बड़े सौदे नज़र में हो तो छोटा होना पड़ता है।
 
गुनाह करके कहाँ जाओगे गालिब, ये जमीन और आसमान सब उसी का है।
 
उम्र भर मिलने नहीं देती हैं अब तो रंजिशें, वक़्त हम से रूठ जाने की अदा तक ले गया।
 
सोचा था आज तेरे सिवा कुछ और सोचूं, अभी तक इस सोच में हूं की और क्या सोचूं।
 
ये भी एक तमाशा है इश्क ओ मोहब्बत में, दिल किसी का होता है और बस किसी का चलता है।
 
नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यों नही, इतनी ही फिक्र है तो फिर, हमारे होते क्यों नही।
 
उसने हर नशा सामने लाकर रख दिया और कहा, सबसे बुरी लत कौन सी हैं, मैने कहा तेरे प्यार की।
 
जानते हो हम बार बार तुमसे क्यूँ रूठते हैं, क्यूँकि हमें यक़ीन हैं के तुम हमें मना लोगे।
 
कोई नही था और न होगा, तेरे जितना करीब मेरे दिल के।
 
एक उम्र है जो मुझे बितानी है उसके बगैर, और एक रात है जो मुझसे कटती नहीं।
 
अजीब हुनर है ये मेरे हाथों में शायरी का, मैं बरबादियाँ लिखता हूँ और लोग वह वह करते हैं।
 
दिन गुजरता हैं तेरी बाते करके, रात गुजरती हैं तुझे याद करके।
 
मैंने तो हमेशा ही तुझसे महोब्बत की, तेरे ना मानने से हकीक़त नहीं बदलेगी।
 
प्यार में दर्द मिलता है ये तो हमें पता था दोस्तों, मगर जिंदगी खत्म हो जाएगी ये नही पता था।
 
ज्यादा नहीं, बस इतना जान लो, मेरी कहानियाँ अधूरी है तुम्हारे बिना।
 
ये इश्क़ की बेबसी है या वफ़ा-ए-आसार है, मैं हिचकियाँ रोकता हूँ, तेरा नाम लेकर।
 
अजीब जुल्म करती हैं तेरी यादें मुझ पर, सो जाऊं तो उठा देती हैं जाग जाऊँ तो रुला देती है।
 
ये इश्क जिसके कहर से डरता है जमाना, कमबख्त मेरे सब्र के टुकडों पर पला है।
 
तू होश में थी फिर भी हमें पहचान न पायी, एक हम हैं कि पी कर भी तेरा नाम लेते रहे।
 
डरता हूं कहने से कि मोहब्बत है तुम से, कि मेरी जिंदगी बदल देगा तेरा इकरार भी और इनकार भी।
 
हमें तो प्यार के दो लफ्ज भी नसीब नहीं, और बदनाम ऐसे हैं जैसे इश्क के बादशाह थे हम।
 
यादें उनकी ही आती है, जिनसे कोई ताल्लुक हो, हर शख्श मौहब्बत की, नज़र से देखा नहीं जाता।
 
पलटकर देख लेते तुम तो फिर इकरार हो जाता, उलझनें सारी मिट जाती और फिर से प्यार हो जाता।
 
ये कैसा सरूर है तेरे इश्क का मेरे मेहरबाँ, सँवर कर भी रहते हैं बिखरे बिखरे से हम।
 
मेरी मासूम सी मुहब्बत को ये हसीं तोहफे दे गए हैं, जिंदगी बन कर आए थे और जिंदगी ले गए हैं।
 
दिखने में वो बहुत गरीब थी साहब पर, उसकी हँसी किसी शहजादी से कम नहीं थी।
 
ऐसा नही की आपकी याद आती नही, ख़ता सिर्फ़ इतनी है के हम बताते नही।
 
अक्सर दिखावे का प्यार ही शोर करता है, सच्ची मोहब्बत तो इशारों में ही सिमट जाती है।
 
मत दो सजा दूर जाकर इतना मेरे मासूम प्यार को, क्या ऐसा भी कर दिया है गुनाह मैंने तुझे अपनी ज़िन्दगी बनाकर।
 
तबाह होकर भी तबाही दिखती नही, ये इश्क़ है इसकी दवा कहीं बिकती नहीं।
 
मेरी ख़ुशी के लम्हें इस कद्र छोटे हैं यारों, गुज़र जाते हैं मेरे मुस्कुराने से पहलें।
 
बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना, जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता।
 
कौन हूँ मैं ऐ जिंदगी तू ही बता, थक गया हूँ मैं खुद का पता ढूँढते ढूंढ़ते।
 
वो साथ थे तो एक लफ़्ज़ ना निकला लबों से, दूर क्या हुए कलम ने क़हर मचा दिया।
 
अपने ही होते है जो दिल पर वार करते है, गैरों को क्या खबर दिल किस बात पर दुखता है।
 
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल, कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा।
 
छलकता है कुछ इन आँखों से रोज़, कुछ प्यार के कतऱे होते है कुछ दर्द़ के लम्हें।
 
अगर तू शोर है तो मेरी खमोशी तोड़ के दिखा, अगर तू इश्क़ है तो मेरी रूह मे उतर कर दिखा।
 
कैसे चलूँ तेरे एहसास के बिना दो कदम भी मैं, लड़खड़ाती जिदंगी की आखरी बैसाखी हो तुम।
 
बड़े दौर से गुजरे हैं, यह दौर भी गुजर जायेगा, थाम लोग पांवो को, कोरोना भी थम जायेगा।
 
जिद में आकर उनसे ताल्लुक तोड़ लिया हमने, अब सुकून उनको नहीं और बेकरार हम भी हैं।
 
कद बढ़ा नहीं करते, ऐड़ियां उठाने से, ऊंचाईया तो मिलती हैं, सर झुकाने से।
 
बे-फिजूली की जिंदगी का सिल-सिला ख़त्म, जिस तरह की दुनिया उस तरह के हम।
 
जिन जख्मो से खून नहीं निकलता समझ लेना, वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है।
 
अगर बिकने पे आ जाओ तो घट जाते हैं दाम अक्सर, न बिकने का इरादा हो तो क़ीमत और बढ़ती है।
 
दुनिया फ़रेब करके हुनरमंद हो गई, हम ऐतबार करके गुनाहगार हो गए।
 
दिल दुखाया करो इजाजत है, भूल जाने की बात मत करना।
 
ज़िंदा रहने की अब यह तरकीब निकाली है, ज़िंदा होने की खबर सब से छुपा ली है।
 
नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यू नही, इतनी ही फिक्र है तो फिर हमारे होते क्यू नही।
 
तबाह होकर भी तबाही दिखती नही, ये इश्क़ है इसकी दवा कहीं बिकती नहीं।
 
वो साथ थे तो एक लफ़्ज़ ना निकला लबों से, दूर क्या हुए कलम ने क़हर मचा दिया।
 
ये जो ज़िन्दगी है ना, तेरे बिन अधूरी है।
 
अपने ही होते है जो दिल पर वार करते है, गैरों को क्या खबर दिल किस बात पर दुखता है।
 
कम ही होते हैं जज्बातों को समझने वाले, इसलिए शायद शायरों की बस्तियाँ नहीं होती।
 
जब मिलो किसीसे तो ज़रा दूर का रिश्ता रखना, बहुत तड़पते हैं अक्सर यह सीने से लगाने वाले।
 
शायद इश्क अब उतर रहा है सर से, मुझे अलफ़ाज़ नहीं मिलते शायरी के लिए।
 
दिल की खामोशी से सांसों के रुक जाने तक, याद आएगा वो शख्स मुझे मर जाने तक।
 
अजीब शक्श था वो, जिंदगी बदल कर, खुद भी बदल गया।
 
बहुत नज़दीक आती जा रही हो, बिछड़ने का इरादा कर लिया है क्या।
 
एक बात पुछु जवाब मुस्कुरा के देना, मुझे रुला कर खुश तो होना।
 
जिस्म पर जो निशान हैं न जनाब वो बचपन के हैं, बाद के सारे तो दिल पे लगे हैं।
 
जिस्म की दरारों से रूह नजर आने लगी, बहुत अन्दर तक तोड़ गया मुझे इश्क तेरा।
 
आज कोई शायरी नहीं बस इतना सुन लो, मैं तनहा हूँ और वजह तुम हो।
 
लूट लेते हैं अपने ही, वरना गैरों को क्या पता इस दिल की दीवार कमजोर कहाँ से है।
 
तुम्हारे होगें चाहने वाले बहुत इस कायनात में, मगर इस पागल की तो कायनात ही तुम हो।
 
प्यार जो करता है उसका दिल भी अजीब होता है, यार जैसा भी हो खुदा से भी अजीज होता है।
 
दूरियाँ रहें हमारे दरमियाँ तो कोई बात नहीं, प्यार तो दिल में धड़क कर रूह में उतर जाता है।
 
खामोश रहने पर भी उसे हो जाती थी फिक्र मेरी, अब तो आंसू बहाने पर भी कोई जिक्र नहीं होता।
 
मुझे उदास देख कर उसने कहा मेरे होते हुए तुम्हे कोई दुःख नहीं दे सकता, फिर कुछ ऐसा ही हुआ बाद में जितने भी दुःख मिले सब उसी के हुए।
 
बड़ी उदास है ज़िंदगी तेरे बिन नहीं है कुछ मेरे पास तेरे बिन, अँधेरा हो या हो उजाला आता नहीं कुछ बी रास तेरे बिन।
 
सकून मिलता है जब उनसे बात होती है, हज़ार रातों में वो एक रात होती है, निगाह उठाकर जब देखते हैं वो मेरी तरफ, मेरे लिए वो ही पल पूरी कायनात होती है।
 
मुहब्बत की इन्तिहां न पूछिये, इस प्यार की वजह न पूछिये, हर सांस मे समाये रहते हो.. कहां बसे हो तुम जगह न पूछिये।
 
हर कदम हर पल साथ है, दूर होकर भी हम आपके पास है, आपको हो न हो पर हमे आपकी कसम, आपकी कमी का हर पल एहसास है।
 
इस से पहले की सारे ख्वाब टूट जाएँ, और यह ज़िन्दगी हम से रूठ जाए, एक दुसरे के प्यार में खो जाएँ इस कदर, के हम सारे ग़मों को भूल जाएँ।
 
ज़िन्दगी का आइना जब भी उठाया करो, पहले खुद देखो फिर औरों को दिखाया करो।
 
रोज़ रोज़ गिर कर भी मुकम्मल खड़ा हूँ, ऐ मुश्किलों देखो मैं तुमसे कितना बड़ा हूँ।
 
हर वक़्त नया चेहरा हर वक़्त नया वजूद, आदमी ने आईने को, हैरत में डाल दिया है।
 
कौन हूँ मैं ऐ जिंदगी तू ही बता, थक गया हूँ मैं खुद का पता ढूँढते ढूंढ़ते।
 
निगाहें नाज करती है फलक के आशियाने से, रूठ जाता है खुदा भी किसी का दिल दुखाने से।
 
चलो आज अपना हुनर आज़माते हैं, तुम तीर आजमाओ हम अपना जिगर आज़माते हैं।
 
शायर कह कर मुझे बदनाम ना करना दोस्तो, में तो रोज़ शाम को दिन भर का हिसाब लिखता हूँ।
 
क्यों मदहोश करती है मुझे मौजूदगी तेरी, कहीं मुझे तुमसे प्यार तो नहीं हो गया।
 
उनके दीदार के लिए दिल तड़पता है, उनके इंतजार में दिल तरसता है, क्या कहें इस कम्बख्त दिल को अपना हो कर किसी और के लिए धड़कता है।
 
भुला के मुझको अगर तुम भी हो सलामत, तो भुला के तुझको संभालना मुझे भी आता है, नहीं हैं मेरी फितरत में ये आदत वरना, तेरी तरह बदलना मुझे भी आता हैं।
 
मेरी मोहब्बत पे ऐतबार तो किया होता ऐ जान, किसी और के होने से पहले मेरा इंतज़ार तो किया होता।
 
दीवाना हूँ तेरा, मुझे इंकार नहीं, कैसे कह दूँ की मुझे तुमसे प्यार नहीं, कुछ शरारत तो तेरी नज़रो में भी थी, मैं अकेला ही तो इसका गुनेहगार नहीं।
 
कल तक सिर्फ एक अजनबी थे तुम, आज दिल की एक एक धड़कन पर, हुकूमत है तुम्हारी।
 
चाहत वो नहीं जो जान देती है, चाहत वो नहीं जो मुस्कान देती है, ऐ दोस्त चाहत तो वो है, जो पानी में गिरा आँसू पहचान लेती है।
 
किसी को बताने से मेरे अश्क़ रुक ना पायेंगे, मिट जायेगी जिंदगी मगर ग़म धुल न पायेंगे।
 
बदल जाओ वक्त के साथ, या फिर वक्त बदलना सीखो, मजबूरियों को मत कोसो, हर हाल में चलना सीखो।
 
सुना है आज समंदर को बड़ा गुमान आया है, उधर ही ले चलो कश्ती जहां तूफान आया है।
 
तुझसे रिश्ता मेरा, कुछ ज़िन्दगी में, ऐसा है, जैसे छू के हवा, साँसों को, बहक जाती है।
 
वो शायर होते हैं जो शायरी लिखते है, हम तो बदनाम से लोग हैं सिर्फ दर्द लिखते हैं।
 
वहम से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते, कसूर हर बार गल्तियों का नही होता।
 
ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझको, ये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं।
 
बहुत सुकून मिलता है जब उनसे हमारी बात होती है, वो हजारो रातों में वो एक रात होती है, जब निगाहें उठा कर देखते हैं वो मेरी तरफ, तब वो ही पल मेरे लीये पूरी कायनात होती है।
 
बहुत खूबसूरत वो रातें होती हैं, जब तुमसे दिल की बातें होतीं हैं।
 
दर्द बन कर दिल में छुपा कौन है, रह रह कर इसमें चुभता कौन है, एक तरफ दिल है और एक तरफ आइना, देखते है इस बार पहले टूटता कौन है।
 
तन्हाई में मुश्कुराना भी इश्क है, और इस बात को छुपाना भी इश्क है।
 
प्यार मैं तुझसे करती हूँ, और अपनी जिंदगी से ज्यादा करती हूँ।
 
तूने मोहब्बत, मोहब्बत से ज्यादा की थी, मैंने मोहब्बत तुझसे भी ज्यादा की थी, अब किसे कहोगे मोहब्बत की इन्तेहाँ, हमने शुरुआत ही इन्तेहाँ से ज्यादा की थी।
 
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है, कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है।
 
सुकून ऐ दिल के लिए कभी हाल तो पूछ ही लिया करो, मालूम हमे भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते।
 
खुदा करे वो मोहब्बत जो तेरे नाम से है, हजार साल गुजरने पे भी जवान ही रहे।
 
सामने बैठे रहो दिल को करार आएगा, जितना देखेंगे तुम्हें उतना ही प्यार आएगा।
 
आप ये वादा क्या कर गए के आओगे ख्वाब में, मारे ख़ुशी के नींद न आये तो हम क्या करे।
 
रूठ के हम से खुश, तुम भी न रह पाओगे, जान तो जाएगी हमारी, सांस तुम भी न ले पाओगे।
 
उनकी यादो को प्यार करते है, लाखो जनम उन पर निसार करते है, अगर राह में मिले वो आपसे, तो कहना उनसे हम आज भी उनका इंतज़ार करते है।
 
जब कोई नहीं था तो बहुत अनमोल थे हम, नए लोग मिल गए तो हमारी कोई औकात नहीं रही।
 
आँखों की गहराई को समझ नहीं पाते, होठ है मगर कुछ हम कह नहीं पाते, अपनी दिल की बात किस तरह कहे तुमसे, तुम वही हो जिनके बिना हम रह नहीं पाते।
 
कल तक सिर्फ एक अजनबी थे तुम, आज दिल की एक एक धड़कन पर, हुकूमत है तुम्हारी।
 
उस वक़्त इंतजार का आलम न पूछिए, जब कोई बार बार कहे आ रहा हु मैं।
 
तेरा इंतज़ार मुझे हर पल रहता है, हर पल मुझे तेरा एहसास रहता है, तुझ बिन धड़कन रुक सी जाती है, क्यूंकि तू मेरे दिल में धड़कन बन कर रहता है।
 
कुछ भी लिखूँ, कुछ भी कहूँ, बिन तुम्हारे सब अधूरा है।
 
न जाने क्या कमी है मुझमे, और न जाने क्या खूबी है उसमे, वो मुझे याद नहीं करती, और मैं उसे भुला नहीं पाता।
 
पढ़ रहा हूँ मै, इश्क़ की किताब ऐ दोस्तों, ग़र बन गया वकील तो, बेवफाओं की खैर नही।
 
काश वो आये और गले लगाकर कहे, पागल मुझसे भी रहा नही जाता तेरे बिना।
 
चाहे कितनी भी तकलीफ दे इश्क़, पर सुकून भी इश्क़ से ही आता है।
 
तुम लाख दुआ कर लो मुझसे दूर जाने की, मेरी दुआ भी उसी खुदा से है तुझे मेरे करीब लाने की।
 
तुम कब सही थे इसे कोई याद नही रखता, तुम कब गलत थे इसे कोई नही भूलता।
 
कुछ ख़ास नहीं बस इतनी सी है मोहब्बत मेरी, हर रात का आखरी ख़याल और हर सुबह की पहली सोच हो तुम।
 
क्या नाम दूँ मैं अपनी मोहब्बत को, कि ये तेरा सिवा किसी और से होती ही नहीं।
 
निकले हम दुनिया की भीड़ में तो पता चला, हर वो शख्स तनहा है जिसने प्यार किया।
 
चाहो तो दिल से हमको मिटा देना, चाहो तो हमको भुला देना, पर ये वादा करो की आये जो कभी याद हमारी तो रोना नहीं बस मुस्कुरा देना।
 
अगर किसी दिन रोना आये, तो आ जाना मेरे पास, हंसने का वादा तो नहीं करता, मगर रोऊंगा जरुर तेरे साथ।
 
ख़तम हो गयी कहानी बस कुछ अलफ़ाज़ बाकी हैं, एक अधूरे इश्क की एक मुकम्मल सी याद बाकी है।
 
मुस्कुराहटें किस्मत में होनी चाहिये, तस्वीर मे तो हर कोई मुस्कुराता है।
 
मैं गलती करूँ तब भी मुझे सीने से लगा ले, कोई ऐसा चाहिये, जो मेरा हर नखरा उठा ले।
 
देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना, नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की थी।
 
याद आयेगी हमारी तो बीते कल की किताब पलट लेना, यूँ ही किसी पन्ने पर मुस्कराते हुए हम मिल जायेंगे।
 
तुम ही रख लो अपना बना कर, औरों ने तो छोड़ दिया तुम्हारा समझकर।
 
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी, निगरानी में सारा शहर लग गया।
 
गिरना था जो आपको तो सौ मक़ाम थे, ये क्या किया कि निगाहों से गिर गए।

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